preloader

नित्य समय सारणी

  • प्रातः मंगलानुशासन   (मंगला आरती ) (04 बजे से प्रातः गृष्मकालीन), (05 बजे प्रातः शरदकालीन)
  • नित्य अभिषेक   प्रातः 06 बजे से 07 बजे तक
  • मध्याह्न   11 :30 से 12 बजे तक नित्य राजभोग
  • मध्याह्न   12 बजे से अपराह्न 02 बजे तक शयन पट्ट बन्द
  • अपराह्न   2 बजे से संध्या 4 बजे तक भक्तों द्वारा पूजा अर्चना
  • संध्या   04 बजे से भगवान का संध्या श्रृंगार आरती की तैयारी
  • संध्या श्रृंगार आरती   (7:30 बजे से गृष्मकालीन, 6.30 बजे से शरदकालीन)
  • श्रृंगार दर्शन रात्री   8:30 बजे तक
  • रात्री   8:30 बजे (भोग -राग) एवं 9:00 बजे शयन पट्ट बंद
about
about about

जय बाबा हरिहरनाथ की

हरिहरनाथ मंदिर की वेबसाइट पर आपका स्वागत है।

हरिहर मंदिर सोनपुर में गंडक और गंगा के तट पर स्थित है। यह मंदिर विष्णु (हरि) और शिव (हर) को समर्पित है।

बाबा हरिहरनाथ शिवलिंग विश्व का एकमात्र ऐसा शिवालय है जिसके आधे भाग में शिव (हर) और शेष में विष्णु (हरि) की आकृति है, एक ही गर्भगृह में विराजे दोनों देव एक साथ हरिहर कहलाते हैं। पूर्व मान्यता है कि इसकी स्थापना स्वयं ब्रह्मा ने शैव और वैष्णव संप्रदाय को एक-दूसरे के नजदीक लाने के लिए की थी।

गज-ग्राह की पुराणकथा भी प्रमाण है। एक तथ्य यह भी है कि इसी स्थल पर लंबे संघर्ष के बाद शैव व वैष्णव मतावलंबियों का संघर्ष विराम हुआ था। कथा के अनुसार श्री रामचंद्र ने गुरु विश्वामित्र के साथ जनकपुर जाने के दौरान यहां रुक कर हरि और हर की स्थापना की थी। उनके चरण चिह्न हाजीपुर स्थित रामचौरा में मौजूद हैं।

इस क्षेत्र में शैव, वैष्णव और शाक्त संप्रदाय के लोग एक साथ कार्तिक पूर्णिमा का स्नान और जलाभिषेक करते हैं। 1757 के पहले मंदिर इमारती लकड़ियों और काले पत्थरों के शिला खंडों से बना था। इसका पुनर्निर्माण मीरकासिम ने करवाया था।

अधिक जानें

सर्विस

हम कैसे मदद कर सकते हैं

Watch Video

Our Latest Broadcast

बाबा हरिहर नाथ सोनपुर 01.05.2022 संध्या कालीन दिव्य श्रंगार आरती दर्शन Baba Harihar Nath

May 2, 2022

प्रदर्शनी

चित्र प्रदर्शनी

All
Interior
Exterior
More